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📋 Bharatiya Nagarik Suraksha Sanhita, 2023 / Chapter 27. विकृत अभियुक्त (Unsound Mind) के संबंध में उपबंध Sec 371 To 378
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प्रश्न 1. अभियुक्त 'क' पर हत्या का आरोप है। विचारण के दौरान यह पाया जाता है कि 'क' विकृत-चित्त है और अपनी प्रतिरक्षा करने में असमर्थ है। न्यायालय विचारण स्थगित कर देता है और उसे सुरक्षित अभिरक्षा में भेज देता है। दो वर्ष बाद, जेल के महानिरीक्षक (Inspector-General of Prisons) यह प्रमाणित करते हैं कि 'क' अब अपनी प्रतिरक्षा करने में सक्षम है। न्यायालय को अब किस प्रक्रिया का पालन करना चाहिए ? धारा 371 और 376 BNSS के प्रावधानों के आलोक में निर्णय दें।
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प्रश्न 2. उन परिस्थितियों और प्रक्रियाओं का वर्णन करें जब एक मजिस्ट्रेट को यह विश्वास हो जाता है कि अभियुक्त विचारण (Trial) के समय तो स्वस्थ-चित्त है, लेकिन अपराध कारित करते समय वह विकृत-चित्त था। ऐसी स्थिति में दोषमुक्ति के निर्णय और उसके बाद अभियुक्त की सुरक्षित अभिरक्षा (Safe Custody) के संबंध में क्या प्रावधान हैं ? (धारा 372, 373 और 374)।
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